राधा रानी की कृपा:: भगवान तो भाव के ही भूखे है
❤ सुंदर कथा,,,,,❤
Mo:~ 8511028585
F/in/t @ Dwarkadhish pandaji
एक संन्त बरसाना में रहते थे और हर रोज सुबह उठकर यमुना जी में स्नान करके राधा जी के दर्शन करने जाया करते थे यह नियम हर रोज का था।जब तक राधा रानी के दर्शन नहीं कर लेते थे,तब तक जल भी ग्रहण नहीं करते थे।दर्शन करते करते तकरीबन उनकी ऊम्र अस्सी वर्ष की हो गई।
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आज सुबह उठकर रोज की तरह ऊठे और यमुना जी मे स्नान किया और राधा रानी के दर्शन को गए।मन्दिर के पट खुले और राधा रानी के दर्शन करने लगे।
दर्शन करते करते संन्त के मन मे भाव आया की मूझे राधा रानी के दर्शन करते करते आज अस्सी वर्ष हो गऐ,
लेकिन मैंने आज तक राधा रानी को कोई भी वस्त्र नहीं चड़ाया हूँ लोग राधा रानी के लिऐ कोई नारियल लाता है कोई चूनरिया लाता है, कोई चूड़ी लाता है,कोई बिन्दी लाता है,कोई साड़ी लाता है,कोई लहगा चूनरिया लाता है। लेकिन मैंने तो आज तक कूछ भी नहीं चड़ाया है।
यह विचार संन्त जी के मन मे आया की जब सभी मेरी राधा रानी लिए कूछ ना कूछ लाते है,तो मे भी अपनी राधा रानी के लिए कूछ ना कूछ लेकर जरूर आऊँगा।
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लेकिन क्या लाऊ? जिससे मेरी राधा रानी खुश हो जाऐ तो संन्त जी यह सोच कर अपनी कुटीया मे आ गए। सारी रात सोचते सोचते सुबह हो गई उठे उठ कर स्नान किया और आज अपनी कुटीया मे ही राधा रानी के दर्शन पुजन किया।
दर्शन के बाद मार्केट मे जाकर सूंन्दर सबसे सुंदर वाला लहंगा- चूनरिया का कपड़ा लाऐ और अपनी कुटीया मे आकर के अपने ही हाथों से लहगा-चूनरिया को सिला और सुंदर से सुंदर उस लहगा-चूनरिया मे गोटा लगाऐ। जब पुरी तरह से लहगा-चूनरिया को तैयार कर लिया तो मन में सोचा कि इस लहगा-चूनरिया को अपनी राधा रानी को पहनाऊगां तो बहुत ही सुंदर मेरी राधा रानी लगेंगी।
यह सोच करके आज संन्त जी उस लहगा-चूनरिया को लेकर राधा रानी के मंदिर को चले। मंदिर की सीढ़ियां चड़ने लगे और अपने मन में सोच रहे हैं ,आज मेरे हाथों के बनाए हुए लहगा-चूनरिया राधा रानी को पहनाऊगां तो मेरी राधा रानी खुब सुंदर लगेगी यह सोच कर जा रहे हैं।
इतने मे एक बरसाना की लड़की(लाली)आई और बाबा से कहती है बाबा आज बहुत ही खुश हो, क्या बात है? बाबा बताओ ना,तो बाबा ने कहा कि लाली आज मे बहुत खुश हूँ।आज मे अपने हाथों से राधा रानी के लिऐ लहगा-चूनरिया बनाया है। इस लहगा चूनरिया को राधा रानी जी को पहनाऊंगा और मेरी राधा रानी बहुत सुंदर दिखैगी।
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उस लाली ने कहा बाबा मुझे भी दिखाओ ना आपने लहगा-चूनरिया कैसी बनाई है। वो लड़की बोली अरे बाबा राधा रानी के पास तो बहुत सारी पोशाक है। तो ये मुझे दे दो ना।तो महात्मा बोले की बेटी तुमको में दूसरी बाजार से दिलवा दूंगा। ये तो मै अपने हाथ से बनाकर राधा रानी के लिये लेकर जा रहा हूँ। तुमको ओर दिलवा दूँगो।
लेकिन उस छोटी सी बालिका ने उस महात्मा का दुपट्टा पकड़ लिया बाबा ये मुझे दे दो, पर सन्त भी जिद करने लगे की दूसरी दिलवाऊंगा ये नहीं दूंगा।लेकिन वो बच्ची भी इतनी तेज थी की संत के हाथ से छुड़ा लहगा-चूनरिया को छिन कर भाग गई।
अब तो बाबा को बहुत ही दुख लगा की मैंने आज तक राधा रानी को कुछ नहीं चड़ाया।लेकिन जब लेकर आया तो लाली लेकर भाग गई। मेरा तो जीवन ही खराब हैं। अब क्या करूँगा? यह सोच कर संन्त उसी सीढ़ियों मे बैठे करके रोने लगे।
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इतने मे कूछ संन्त वहाँ आऐ,पूछा क्या बात है, बाबा ? आप क्यूँ रो रहे हैं। तो बाबा ने उन संन्तो को पूरी बात बताया तो संन्तो ने बाबा को समझाया और कहा कि
आप दूखी मत हो कल दुसरी लहगा-चूनरिया बना के राधा रानी को पहना देना।चलो राधा रानी के दर्शन कर लेते है।इस प्रकार संन्तो ने बाबा को समझाया और राधा रानी के दर्शन को लेकर चले गऐ।
रोना बन्द हुआ लेकिन मन ख़राब था क्योंकि कामना पूरी नहीं हुई ना,तो अनमने मन से राधा रानी का दर्शन करने संत जा रहे थे और मन में ये ही सोच रहे है की मुझे लगता है की किशोरी जी की इच्छा नहीं थी , शायद राधा रानी मेरे हाथो से बनी पोशाक पहनना ही नहीं चाहती थी ,ऐसा सोचकर बड़े दुःखी होकर जा रहे है।
आकर राधा रानी के पट खुलने का इन्तजार करने लगे।थोड़े ही देर बाद मन्दिर के पट खुले तो संन्तो ने कहा बाबा देखो तो आज हमारी राधा रानी बहुत ही सुंदर लग रही है।संतों की बात सुनकर के जैसे ही बाबा ने अपना सिर ऊठा कर के देखा तो जो लहगा चूनरिया बाबा ने अपने हाथों से बनाकर लाया था, वहीं आज राधा रानी ने पहना था।
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बाबा बहुत ही खुश हो गऐ और राधा रानी से कहा हे राधा रानी,आपको इतना भी सब्र नहीं रहा आप मेरे हाथों से मंदिर की सीढ़ियों से ही लेकर भाग गई ऐसा क्यों?
राधा रानी जी ने कहा, किशोरी जी ने कहा की,बाबा आपके भाव को देखकर मुझ से रहा नहीं गया ओर ये केवल पोशाक नही है, इस मै आपका प्रेम छिपा है तो मे खूद ही आकर के आपसे लहगा-चूनरिया छिन कर भाग गई थी बाबा मे तो राधारानी।
इतना सुनकर के बाबा भाव विभोर हो गऐ और बाबा ने उसी समय किशोरी जू का धन्यवाद किया।
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🍁🍁🍁राधे राधे🍁🍁
Radhaswami, radhaashtami, radha rani,
Nice photos
ReplyDeleteBhut bdiya radhey radhey ji
ReplyDeleteराधे राधे जी राधे राधे
ReplyDeleteજય શ્રી રાધે મૈયા
ReplyDeleteજય શ્રી રાધે મૈયાકી
ReplyDeleteJay radha krishna
ReplyDeleteJai radha rani
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