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Hanuman ji Raksha mantra हनुमान रक्षा मन्त्र ( हनुमान जन्मोत्सव विशेष)

हनुमान रक्षा मन्त्र ( हनुमान जन्मोत्सव विशेष)

इस हनुमान जन्मोत्सव पर स्वयंसेवी मन्त्र, यंत्र ओर रक्षा सिध्ध कैसे करे ?

मेरी दादी माँ बचपन से ही मुझे रक्षा पहेनाती थी जो मुझे 9 वर्ष की उम्र में स्वयमसेवी बनाना शिखाया हनुमानजी की रक्षा सबसे बड़ी मंत्र रक्षा मानी जाती है ओर बिलकुल सरलता से आप स्वयसेवी बना सकते हैं।

हनुमानजी की रक्षा अलग अलग तरीके से बनाए जाते हैं  
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१ यंत्र सिद्धि से :- अलग अलग यंत्र सिद्ध करे

२ रक्षा सिद्धि से :-  हनुमानजी की मूर्ति के सिंदूर से , मन्दिर की रज (धूल) से या मन्दिर में किहुई धूप,दिप या अगरबत्ती की भभूति से जो आप कापड या सोने चाँदी के कवच बना कर सिद्ध करे ।

३ कलावे सिद्धि से :-  आज के जमाने मे बच्चों को सोन या चांदी की चीजें स्कूल में पहनने नही देते है या आप ना पेहेन ना शको तो धागों से भी रक्षा बनाये (रेशमी ओर ऊनी धागे से) बाहु ,गले या कमर में पहने।

हनुमानजी की रक्षा कैसे सिध्द करे

हनुमानजी की  रक्षा आप हनुमान कवच, बजरंग बाण, सुंदरकांड ,हनुमान चालीसा ,हनुमानजी के कोई  स्तोत्रपाठ से, मंत्र से जो यहाँ मेरे द्वारा दिये गए हैं।

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सुध्धी करण करे :- दूध ,पंचामृत, गंगा जल,नदियों  के जल से या सुद्ध घर के जल से अभिषेक करें ( मंत्र या स्तोत्रपाठ के पठन से)

पूजन करे :- कंकु , अक्षतों ओर सौभाग्य द्रव्य ( अबिल, ग़ुलाल, हल्दी) से पूजन करे

ध्यान:- सबसे पहले मुख्य आराध्य देव का वैदिकमंत्र से ध्यान करे

मनोजवं मारुततुल्यवेगं,जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानर यूथमुख्यं, श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
मंत्र जाप करे :- हनुमानजी की  रक्षा आप हनुमान कवच, बजरंग बाण, सुंदरकांड ,हनुमान चालीसा ,हनुमानजी के कोई  स्तोत्रपाठ से, मंत्र से जो यहाँ मेरे द्वारा दिये गए हैं। उसके द्वारा जप कर के सिद्ध करे।

हनुमान रक्षा मन्त्र ( हनुमान जन्मोत्सव विशेष)
मन्त्र: शरीर,भूत प्रेत बाधा परेशानी,जादू टोने से सुरक्षा ओर शत्रु के भय से छुटकारा मिलता है एवं मनुष्य निर्भय होता है।

वज्रान्ङ पिंगलेशाढ्य्यं स्वर्णकुण्डलमण्डितम्।
नियुद्धमुपसंक्रम्य पारावारपराक्रमम्।।
वामहस्ते गदायुक्तं पाशहस्तं कमण्डलम्।
ऊर्ध्वदक्षिणदोर्दण्डं हनुमन्तं विचिन्तयेत्।।
मर्कटेशं महोत्साहं सर्वशत्रुहरं परम्।
शत्रु संहार मां रक्ष श्रीमन्नापदउद्धरम्॥

नियम पूर्वक हनुमान जी  के इस मन्त्र का 21बार जप पूजन साधना या ध्यान शुरू करने से पूर्व प्रतिदिन किया जाय तो शरीर और आध्यात्म बल की सुरक्षा होती है। भूत प्रेत बाधा परेशान नहीं करती। जादू टोने से सुरक्षा होती है। शत्रु के भय से छुटकारा मिलता है एवं मनुष्य निर्भय होता है।
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हनुमान रक्षा मन्त्र ( हनुमान जन्मोत्सव विशेष)

*हनुमान जी के कुछ चमत्कारी सिद्ध मंत्र*

इच्छा पूर्ति के लिए पाठकों के लाभार्थ कुछ प्रभावशाली मंत्र प्रस्तुत है-

*1. सूर्य की प्रसन्नताव यश-कीर्ति के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

*2. शत्रु पराजय के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।

*3. शत्रु पर विजय तथा वशीकरणके लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

*4. सर्वदुःख निवारणार्थ -*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा।

*5. सर्वरुपेण कल्याणार्थ ( मनोकामना पूर्ति के लिए)-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवर्षिमुनिवरदाय रामदूताय स्वाहा।

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*6. धन-धान्य आदि सम्पदाप्राप्ति के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय महाबलपराक्रमाय महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा।

*7. स्वरक्षा के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रमुखाय वज्ररोम्णे वज्रदन्ताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।

*8. सर्वव्याधि व भय दूरकरने के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्य सिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा।

*9. भूत-प्रेत बाधा निवारणार्थ -*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवयक्षराक्षस भूतप्रेत पिशाचडाकिनीशाकिनीदुष्टग्रहबन्धनाय रामदूताय स्वाहा।

*10. शत्रु संहार के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पूर्वमुखे सकलशत्रु संहारकाय रामदूताय स्वाहा।

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*11. भूत-प्रेत के दमन केलिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय दक्षिणमुखेय करालवदनाय नारसिंहाय सकलभूतप्रेतदमनाय रामदूताय स्वाहा।

*12. सकल विघ्न निवारण केलिए -*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पश्चिममुखे गरुडाय सकलविघ्ननिवारणाय रामदूताय स्वाहा।

*13. सकल सम्पत के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चमुखाय उत्तरमुखे आदिवराहाय सकलसम्पत्कराय रामदूताय स्वाहा।

*14. सकल वशीकरण के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय ऊर्ध्वमुखे हयग्रीवास सकलजन वशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

*15. शत्रु की कुबुद्धि को ठीक करने के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सव्रग्रहान् भूतभविष्यद्वर्तमानान् समीपस्थान सर्वकालदुश्ट बुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय स्वाहा।

*16. सर्वविघ्न व ग्रहभयनिवारणार्थ -*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परकृतयन्त्रमन्त्र पराहंकार भूतप्रेत पिशाचपरदृष्टि सर्वविघ्न तर्जनचेटकविद्यासर्वग्रहभयं निवारय निवारय स्वाहा।

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*17. जादू टोना का असर दूर करने के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय डाकिनीशाकिनीब्रह्मराक्षसकुल पिशाचोरुभयं निवारय निवारय स्वाहा।

*18. ज्वर दूर करने के लिए*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भूतज्वरप्रेतज्वरचातुर्थिकज्वर विष्णुज्वरमहेशज्वरं निवारय निवारय स्वाहा।

*19. शारीरिक वेदन कष्टनिवृत्ति के लिए-*

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।

*20. प्रेत बाधा निवारणके लिए-*

ऊँ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नारसिंहाय ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा।

यह मंत्र कम से कम हजार जप करने पर सिद्ध हो जाता है।

मंत्र जाप के बाद अष्टगंध से हवन करना चाहिए।

*21. विष उतारने के लिए-*

ऊँ पश्चिममुखाय गरुडाननाय पंचमुखहनुमते मं मं मं मं मं सकलविषहराय स्वाहा।

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यह मंत्र दीपावली के दिन अर्धरात्रि में दीपक जलाकर हनुमानजी को साक्षी करके 10 हजार जप लेने से सिद्ध हो जाता है। पुनः बिच्छू, बर्रै आदि बिषधारी जीवों द्वारा काटने पर इस मंत्र को उच्च स्वर से उच्चारण करते हुए उस अंग का स्पर्श करें जहां जीव ने काटा है।

*22. शत्रु संकट निवारणके लिए-*

ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।

इस मंत्र के सिद्ध कर लेने पर शत्रु भय दूर हो जाता है। यह केवल 15 हजार मंत्र जप से सिद्ध हो जाता है।

*23. महामारी, अमंगल, ग्रह-दोष एवं भूत-प्रेतादि नाश के लिए-*

ऊँ ऐं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रौं ह्रः ऊँ नमो भगवते महाबलाय-पराक्रमाय भूतप्रेतपिशाचीब्रह्मराक्षसशाकिनीडाकिनीयक्षिणी पूतनामा-रीमहामारीराक्षसभैरववेतालग्रहराक्षसादिकान् क्षणेन हन हन भंजन भंजन मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामाहेश्वररुद्रावतार ऊँ ह्रं फट् स्वाहा।

ऊँ नमो भगवते हनुमदाख्याय रुद्राय सर्वदुष्टजनमुखस्तम्भनं कुरु कुरु स्वाहा। ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रं ठं ठं ठं फट् स्वाहा।
मो:- 8511028585
यह मंत्र मंगलवार को दिन भर व्रत रखने के बाद अर्धरात्रि में हनुमानजी के मंदिर में सात हजार जप करने से सिद्ध हो जाता है।

ऊपर दिए गए मंत्र बड़े पंडितो से मुझे वार्तालाप करके प्राप्त हुवे है या मेरे द्वारा दिये गए लोगो को फलित होने पर यहाँ जो बिलकुल सिद्ध है वही बताये गये हैं।
मो:-8511028585
*जो साधक पूर्ण श्रद्धा,

आस्था एवं लग्न के साथ श्री हनुमान जी का जप, पूजा-पठन आदि कुछ भी करते हैं उनको समस्त सुखों की प्राप्ति होती ही होती है, इसमें लेश मात्र भी संशय नहीं है।

वाचिक, उपांशु अथवा मानसिक कोई भी जप इच्छापूर्ति के लिए कर रहे हैं तो उसके लिए ब्रह्मचर्य, सद्विचार अत्यन्त आवश्यक हैं।

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मंत्र जप के साथ यदि नैवेद्य, पुष्प तथा सिंदूर के चोले से देव को प्रसन्न करने का यत्न करते हैं तो फल की प्राप्ति बहुत ही शीघ्रता से मिलती है।

हनुमान जी से सम्बन्धित बीज, मंत्र, चालीसा, बाहुक, बाण, साठिका आदि कुछ भी कर रहे हैं तो उसके बाद एक माला सीता राम की अवश्य जप लिया करें।

श्री राम जय राम जय जय राम

Mo:- 8511028585

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