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दूसरों की सहायता भी कीजिए Some Charity life lesson

🌷दूसरों की सहायता भी कीजिए🌷
F/g+/t @ dwarkadhish pandaji
आपके पास रुपया, पैसा, जमीन, जायदाद, विद्या, बुद्धि, रूप, अनुभव आदि अनेक सम्पत्तियाँ हैं। विचार कीजिए कि क्या बिना किसी दूसरे की सहायता के यह सब आपने प्राप्त किया है? अकेला मनुष्य कुछ नहीं कर सकता। यहाँ तक कि जीवन धारण करने में भी समर्थ नहीं हो सकता। पशु पक्षियों के बच्चे तो जन्म के थोड़े ही समय बाद अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं, परन्तु मनुष्य के बच्चे को बहुत काल तक दूसरों की सहायता की आवश्यकता होती है। दूसरों की सहायता, सहयोग और शिक्षा के बिना कोई भी सम्पत्ति प्राप्त नहीं हो सकती।

जब दूसरों के सहयोग से आपको वैभव प्राप्त होता है तो उसमें से जब थोड़ा अंश दूसरों को देने का अवसर आवे तो हिचकिचाहट करना उचित नहीं। दुनिया के सारे काम सहयोग और सहायता से चल रहे हैं। असंख्य प्राणियों की प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहायता से मनुष्य सम्पन्न बन पाया है। जो वैभव और शक्ति आज आपके पास है, धन सम्पदा के आज स्वामी बने हुए हैं वह आप को भी तो किसी ने दिया ही है। आप साथ में धन पोट बाँधकर तो लाये ही न थे? यदि नहीं! तो फिर आपको देने में संकोच करने की क्या आवश्यकता है आप भी दीजिये।
F/g+/t @ dwarkadhish pandaji

पहले लेने की अपेक्षा देना अधिक ठीक है। यदि आप पहले लेने की नीति धारण करेंगे, निश्चय ही बहुत घाटे में रहेंगे और यदि लेकर न देंगे तो आप उस घाटे का अनुमान भी न लगा सकेंगे। क्योंकि कुँआ यदि अपना पानी देने की नीति के विरुद्ध, न देने का विचार करेगा तो पानी पड़ा 2 अन्दर ही अन्दर सड़ जाएगा और किसी काम का भी न रहेगा। यदि आपके पास पैसा है और वह किसी के काम नहीं आता तो आपके पास पैसा होते हुए भी वह नहीं के बराबर है और इसके लिए जनता आपको कंजूस, ठग, हत बुद्धि आदि विभूतियों से विभूषित करेगी ओर सम्भव है। वह पैसा जिसकी आप जी जान से रखवाली कर रहे हैं किसी दिन चोर डाकुओं के हाथ लगेगा और आप हाथ मसलते ही रह जायेंगे।

इसे आप गाँठ लगा लें की “देने पर ही मिलेगा” किसान जब अनाज के कुछ बीज बो कर कई गुना प्राप्त कर सकता है तो इसमें सन्देह नहीं कि आपका निष्काम भाव से दिया हुआ आपके पास ही कई गुना होकर लौट आवे।
F/g+/t @ dwarkadhish pandaji
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