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Tulsi devi puja तुलसी पुजा ओर महिमा

*❀꧁•तुलसी•꧂❀* ‎ G/F/in/t @ Dwarkadhish Pandaji  Watsapp:~ 8511028585 1. प्रकृति की खासियत प्रकृति की अपनी एक अलग खासियत है। इसने अपनी हर एक रचना को बड़ी ही खूबी और विशिष्ट नेमत बख्शी है। इंसान तो वैसे भी प्रकृति की उम्दा रचनाओं में से एक है जो समझदारी और सूझबूझ से काम लेता है। इसके अलावा जानवरों की खूबी ये है कि वे आने वाले खतरे, मसलन भूकंप, सुनामी, पारलौकिक ताकतों आदि को पहले ही भांप सकने में सक्षम होते हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग यह बात जानते हैं कि पौधों के भीतर भी ऐसी ही अलग विशेषता है, जिसे अगर समझ लिया जाए तो घर के सदस्यों पर आने वाले कष्टों को पहले ही टाला जा सकता है।G/F/in/t @ Dwarkadhish Pandaji Watsapp:~ 8511028585 2. क्यों मुरझाता है तुलसी का पौधा शायद कभी किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि चाहे तुलसी के पौधे पर कितना ही पानी क्यों ना डाला जाए, उसकी कितनी ही देखभाल क्यों ना की जाए, वह अचानक मुरझाने या सूखने क्यों लगता है? 3. क्या बताना चाहता है आपको यकीन नहीं होगा लेकिन तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा होता है कि जल्द ही परिवार पर किसी विपत्ति का सा...

आत्मा परमात्मा का मिलन संबंध story blog

💞 आत्मा परमात्मा का मिलन संबंध 💞 Facebook /Instagram @ Dwarkadhish Pandaji Wapp ;:~~ 8511028585 ईश्वर को लेकर लोगों की अजीब मान्यताएं है । कोई ईश्वर की मनुहार कर रहा है, उन्हें तरह – तरह के लोभ देकर बहलाने और फुसलाने की कोशिश करता है और फिर कहते है – “ यह भक्ति है ।” हो सकता है आपको बुरा लगे लेकिन यह भक्ति नहीं जालसाजी है ।  यह आपकी मुर्खता है कि आप ईश्वर को अपने जाल में फ़साना चाहते है ।  यह सब दुनिया में इसलिए हो रहा है क्योंकि असल में लोग ईश्वर को जानते नहीं । इसलिए जब कोई ढोंगी बाबा आपको कहता है – “ उस देवता के वहाँ, यह – यह कर दो ! आपका काम हो जायेगा ।” और आप बिना कुछ सोचे समझे वह सब करने लगते हो।  हमारा काम हो न हो उस बाबा का काम हो रहा है । मैं यहाँ किसी का विरोध नहीं करना चाहती। लेकिन सत्य का समर्थन करना ही ईश्वर की इच्छा है । Facebook /Instagram @ Dwarkadhish PandajiWapp ;:~~ 8511028585 आज सुबह जब मैं ध्यान कर रही थी। तब मुझे इस लेख की प्रेरणा हुई । उसी बात को आप तक पहुँचाने के लिए मैंने यह लेख लिखा है ।  यदि हम आत्मा और परमात्मा के संबंध को समझ सके । यदि ह...

सभी बंधन ओर बाधा दूर करने और दूसरे को बंधन करने और शत्रुओं को वश करने के लिए मारुतिस्तोत्रम् मारुतिस्तोत्रम् पाठ hanuman path vashikaran bandhan tantra

सभी बंधन ओर बाधा दूर करने और दूसरे को बंधन करने और शत्रुओं को वश करने के लिए मारुतिस्तोत्रम्  मारुतिस्तोत्रम् Facebook/instagram/youtube @ Dwarkadhish Pandaji  Watsapp 8511028585 श्रीगणेशाय नम: ॥  ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते प्रलयकालानलप्रभाप्रज्वलनाय ।  प्रतापवज्रदेहाय । अंजनीगर्भसंभूताय ।  प्रकटविक्रमवीरदैत्यदानवयक्षरक्षोगणग्रहबंधनाय ।  भूतग्रहबंधनाय । प्रेतग्रहबंधनाय । पिशाचग्रहबंधनाय ।  शाकिनीडाकिनीग्रहबंधनाय । काकिनीकामिनीग्रहबंधनाय ।  ब्रह्मग्रहबंधनाय । ब्रह्मराक्षसग्रहबंधनाय । चोरग्रहबंधनाय ।  मारीग्रहबंधनाय । एहि एहि । आगच्छ आगच्छ । आवेशय आवेशय ।  मम हृदये प्रवेशय प्रवेशय । स्फुर स्फुर । प्रस्फुर प्रस्फुर । सत्यं कथय ।  व्याघ्रमुखबंधन सर्पमुखबंधन राजमुखबंधन नारीमुखबंधन सभामुखबंधन  शत्रुमुखबंधन सर्वमुखबंधन लंकाप्रासादभंजन । अमुकं मे वशमानय ।  क्लीं क्लीं क्लीं ह्रुीं श्रीं श्रीं राजानं वशमानय ।  श्रीं हृीं क्लीं स्त्रिय आकर्षय आकर्षय शत्रुन्मर्दय मर्दय मारय मारय  चूर्णय चूर्णय खे खे  श्री...

सात ठाकुर जो वृंदावन मे प्रकट हुए है vrindavan story

सात ठाकुर जो वृंदावन मे प्रकट हुए है  Google/Facebook/instagram/tiktok @ Dwarkadhish Pandaji Watsapp:~ 8511028585 1. गोविंददेव जी , जयपुर  कंहा से मिली :वृंदावन के गौमा टीला से  यहा है स्थापित :जयपुर के राजकीय महल मे रूप गोस्वामी को श्री कृष्ण की यह मुर्ति वृंदावन के गौमा टीला नामक स्थान से वि.सं.  1535 मे मिली थी ।उन्होंने उसी स्थान पर छोटी सी कुटिया मे इस मूर्ति को स्थापित किया ।इसके बाद रघुनाथ भट्ट गोस्वामी ने गोविंददेव जी की सेवा पूजा संभाली उन्ही के समय मे आमेर नरेश मानसिंह ने गोविंददेव जी का भव्य मंदिर बनवाया इस मंदिर मे गोविंददेव जी 80 साल विराजे, औरंगजेब के शासन काल मे बृज पर हुए हमले के समय गोविंद जी को उनके भक्त जयपुर ले गए,  तबसे गोविंदजी जयपुर के राजकीय महल मंदिर मे विराजमान है  2. मदन मोहन जी, करौली कहा से मिली :वृंदावन के कालीदह के पास  द्वादशादित्य टीले से  यहा है स्थापित : करौली  (राजस्थान )मे यह मूर्ति अद्वैत प्रभु को वृंदावन के द्वादशादित्य टीले से प्राप्त हुई थी उन्होंने सेवा पूजा के लिए यह मूर्ति मथुरा के एक चत...

पंचतंत्र की कहानी: आलसी ब्राह्मण

पंचतंत्र की कहानी: आलसी ब्राह्मण G/F/in/t @ Dwarkadhish Pandaji Watsapp:~ 8511028585 बहुत समय की बात है. एक गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था. उसकी ज़िंदगी में बेहद ख़ुशहाल थी. उसके पास भगवान का दिया सब कुछ था. सुंदर-सुशील पत्नी, होशियार बच्चे, खेत-ज़मीन-पैसे थे. उसकी ज़मीन भी बेहद उपजाऊ थी, जिसमें वो जो चाहे फसल उगा सकता था. लेकिन एक समस्या थी कि वो ख़ुद बहुत ही ज़्यादा आलसी था. कभी काम नहीं करता था. उसकी पत्नी उसे समझा-समझा कर थक गई थी कि अपना काम ख़ुद करो, खेत पर जाकर देखो, लेकिन वो कभी काम नहीं करता था. वो कहता, “मैं कभी काम नहीं करूंगा.” उसकी पत्नी उसके अलास्य से बेहद परेशान रहती थी, लेकिन वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती थी. एक दिन एक साधु ब्राह्मण के घर आया और ब्राह्मण ने उसका ख़ूब आदर-सत्कार किया. ख़ुश होकर सम्मानपूर्वक उसकी सेवा की. साधु ब्राह्मण की सेवा से बेहद प्रसन्न हुआ और ख़ुश होकर साधु ने कहा कि “मैं तुम्हारे सम्मान व आदर से बेहद ख़ुश हूं, तुम कोई वरदान मांगो.” ब्राह्मण को तो मुंहमांगी मुराद मिल गई. उसने कहा, “बाबा, कोई ऐसा वरदान दो कि मुझे ख़ुद कभी कोई काम न करना...

शनिदेव-पौराणिक, वैज्ञानिक एवं ज्योतिषीय दृष्टिकोण में (विस्तृत विवरण) ओर शनिदेव शांति उपाय भी दिए गए है

💥  शनिदेव-पौराणिक, वैज्ञानिक एवं ज्योतिषीय दृष्टिकोण में (विस्तृत विवरण) ओर शनिदेव शांति उपाय भी दिए गए है  💥 G/F/in/t @ Dwarkadhish Pandaji Watsapp:~ 8511028585 नवग्रह में शनि ऐसे ग्रह हैं जिसके प्रभाव से कोई व्यक्ति नहीं बचा है। ऐसा व्यक्ति तलाश करना असम्भव है जो शनि से डरता न हो। कुछ वर्ष पहले तक प्रत्येक व्यक्ति इनका नाम लेने से भी घबराता था परन्तु कुछ समय से इनकी पूजा- अर्चना बहुत ही अच्छे स्तर पर होने लगी है। आज व्यक्ति इनकी महिमा को समझने लगा है। उसके मन से इनका भय समाप्त हो रहा है। किसी को भी शनिदेव से भयभीत होने की आवश्यकता नंहीं है। आप केवल अपने कर्म पर विश्वास रखें, बाकी का सब कुछ शनिदेव पर छोड़ दें। मेरा विश्वास है कि यदि आपके इस जन्म के व पिछले जन्म के कर्म अच्छे हैं तो आपको अवश्य ही शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा क्योंकि आपके पिछले जन्म के कर्मों के प्रभाव से आपकी पत्रिका में शनिदेव की स्थिति अनुकूल होगी। इस अनुकूल स्थिति में आपको अवश्य ही शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा पिछला जन्म किसी ने नहीं जाना है, इसलिये यदि आपकी पत्रिका में शनि की स्थिति अनु...

वाइरस से ज्योतिषशास्त्र का उपाय

वाइरस से ज्योतिषशास्त्र का उपाय ज्योतिष के अनुसार कोई भी वायरस राहु और शनि से प्रभावित होता है। जो ऑक्सीजन को दूषित करके हवा को विषैला बनाते हैं।  राहु का संबंध धुएं और आसमान दोनों से है। ऐसे ही कोई भी वायरस हवा में कहीं भी पहुंच जाता है। शनि हवा में पैदा हुए कण हैं, जो इसको फ़ैलाने में मदद करते हैं और अभी राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में गोचर कर रहे हैं। जो भारत की कुंडली का दूसरा घर और आम इंसान के मुंह और नाक का भी घर है। इस घर में चंद्र उच्च के और बृहस्पति कारक ग्रह हैं। शनि अपनी मकर राशि में हैं और ये हमारी ऑक्सीजन को प्रभावित करते हैं। जिसका कारक ग्रह बृहस्पति है।  नाक के जरिए सांस लिया जाता है और ऑक्सीजन शरीर तक पहुंच कर जीवन प्रदान करती है। कोरोना वायरस का हमला सांस के जरिए मानव शरीर में पहुंच कर नुकसान पहुंचा रहा है। जिससे उसे जीवन तक से हाथ धोना पड़ रहा है। पूरे ब्रह्मांड की ऑक्सीजन पर बृहस्पति का स्वामित्व स्थापित है। ऑक्सीजन बारिश के कारण पैदा होती है, जिससे पेड़-पौधे फलते-फूलते हैं और स्वच्छ वायु देते हैं। जिसका कारक ग्रह चंद्र है।  वर्तमान समय में भारत पर कोरोना व...